Sunday, September 12, 2010

आम के पेड पर ऊल्लू


फोटोग्राफी एक कला है और उस कला को देखने-समझने के लिए गहरी आंखें होनी चाहिए. हर फोटोग्राफ अपने आपमें कुछ न कुछ बोलता है. नेट सर्फिंग के दौरान विभिन्न साइट्स से लिए गए ये चित्र हैं, जो गूगल ने उपलब्ध कराए हैं. उसके लिए आभार.फोटोग्राफी एक कला है और उस कला को देखने-समझने के लिए गहरी आंखें होनी चाहिए. हर फोटोग्राफ अपने आपमें कुछ न कुछ बोलता है. नेट सर्फिंग के दौरान विभिन्न साइट्स से लिए गए ये चित्र हैं, जो गूगल ने उपलब्ध कराए हैं. उसके लिए आभार.फोटोग्राफी एक कला है और उस कला को देखने-समझने के लिए गहरी आंखें होनी चाहिए. हर फोटोग्राफ अपने आपमें कुछ न कुछ बोलता है. नेट सर्फिंग के दौरान विभिन्न साइट्स से लिए गए ये चित्र हैं, जो गूगल ने उपलब्ध कराए हैं. उसके लिए आभार.फोटोग्राफी एक कला है और उस कला को देखने-समझने के लिए गहरी आंखें होनी चाहिए. हर फोटोग्राफ अपने आपमें कुछ न कुछ बोलता है. नेट सर्फिंग के दौरान विभिन्न साइट्स से लिए गए ये चित्र हैं, जो गूगल ने उपलब्ध कराए हैं. उसके लिए आभार.आनंद रवि रज़िया Sandhya shama वत्स ravikumarswarnkar नारदमुनि संगीता mahashakti अनूप venus रंजन व्यंग्य तकनीक Sahar Asha Neelima Krishna Priya ता idhar प.dharmyatra रागराजफोटोग्राफी एक कला है और उस कला को देखने-समझने के लिए गहरी आंखें होनी चाहिए. हर फोटोग्राफ अपने आपमें कुछ न कुछ बोलता है. नेट सर्फिंग के दौरान विभिन्न साइट्स से लिए गए ये चित्र हैं, जो गूगल ने उपलब्ध कराए हैं. उसके लिए आभार.